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Level: माध्यमिक पाठ्यक्रम | Subject: अर्थशास्त्र | Book Name: अर्थशास्त्र | Chapter: 11- कीमत और मात्रा का निर्धारण - 1144 views

Description: मुद्रा की मात्रा जो एक क्रेता वस्तु या सेवा की एक इकाई के बदले में विक्रेता को देता है, वह वस्तु या सेवा की कीमत कहलाती है। सन्तुलन कीमत वह कीमत है जिस पर किसी वस्तु की मांग तथा आपूर्ति की मात्रा दोनों बराबर होती हैं। वस्तुओं और सेवाओं वस्तुओं और सेवाओं वस्तुओं और सेवाओं का वितरण का वितरण कीमत और मात्रा का निर्धारण कीमत और मात्रा का निर्धारण संतुलन कीमत का निर्धारण किसी वस्तु की मांग और आपूर्ति की बाजार शक्तियों के द्वारा होता है। मांग आधिक्य एक ऐसी स्थिति है जब एक दी गई कीमत पर किसी वस्तु की मांग की मात्रा उसकी आपूर्ति की मात्रा से अधिक होती है। आपूर्ति आधिक्य एक ऐसी स्थिति है जब एक दी गई कीमत पर किसी वस्तु की आपूर्ति की मात्रा उसकी मांग की मात्रा से अधिक होती है। जब किसी वस्तु की मांग आधिक्य होती है तो उसकी कीमत बढ़ने लगती है और उस समय तक बढ़ती रहती है जब तक वह संतुलन कीमत पर न पहुँच जाये। जब किसी वस्तु की आपूर्ति आधिक्य होती है तो उसकी कीमत घटने लगती है और उस समय तक घटती रहती है जब तक वह संतुलन कीमत पर न पहुँच जाये। जब किसी वस्तु की मांग में वृद्धि होती है और आपूर्ति पूर्ववत रह

License- एनआईओएस | Source- एनआइओएस | Last Update On- 01/02/2021
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