Description: अर्थशास्त्रा में बाजार से अभिप्राय किसी दिये गये क्षेत्रा में उस प्रबंध से है जिसके द्वारा वस्तुओं के क्रय-विक्रय के लिये क्रेता तथा विक्रेता प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सम्पर्क में आते हैं। वस्तुओं और सेवाओं वस्तुओं और सेवाओं वस्तुओं और सेवाओं का वितरण का वितरण बाजार एकाधिकार तथा पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की संरचना के दो चरम रूप हैं। एकाधिकार ऐसी बाजार संरचना है जिसमें अकेली फर्म बाजार पर नियंत्राण रखती है। यह अकेले विक्रेता का बाजार होता है जो एक ऐसी वस्तु का विक्रय करता है जिसका कोई निकट स्थानापन्न नहीं होता है। पूर्ण प्रतियोगिता ऐसी बाजार संरचना है जिसमें अनेक फर्में एक जैसी वस्तु का विक्रय करती हैं। इस बाजार में फर्मों का प्रवेश तथा निर्गम स्वतंत्रा होता है। क्रेताओं तथा विक्रेताओं को बाजार की स्थिति के विषय में पूर्ण जानकारी होती है। थोक विक्रेता एक ऐसा वितरक अथवा मध्यस्थ होता है जो उपभोक्ताओं की अपेक्षा मुख्य रूप से फुटकर विक्रेताओं तथा संस्थाओं को माल का विक्रय करता है। फुटकर विक्रेता वह होता है जो भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं का प्रत्यक्ष रूप से आम जनता को व
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