Description: उपभोक्ता जागरूकता में खरीदे गये उत्पाद उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव के साथ जानकारी और उपभोक्ता के अधिकार और उत्तरदायित्व शामिल हैं। उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता बहुत से कारणों से पैदा होती है जैसे बेची गई वस्तुओं और सेवाअंों की त्राुटिपूर्ण गुणवत्ता, बिना बिल के बेचना, भ्रमित करने वाले विज्ञापन, उत्पाद और उत्पादक/विक्रेता के विषय में पूर्ण जानकारी का अभाव, बिना सोचे समझे और अपव्ययी उपभोग के कारण पर्यावरण प्रदूषण आदि। उपभोक्ता संरक्षण व्यवस्था में उपभोक्ता के हितों की रक्षा के कानून और संस्थान जो उपभोक्ता के अधिकारों की सहायता के लिए काननू को लागू करते हैं, सम्मिलित हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ;ब्च्।द्ध उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने का सबसे महत्वपूर्ण अधिनियम है। केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद ;ब्ब्च्ब्द्ध राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद ;ैब्च्ब्द्ध राज्य स्तर पर सरकारी संस्थायें हैं जो उपभोक्ता के मामले में काम करते हैं। गैर-सरकारी संगठन भी सहायता करते हैं। भारत में उपभोक्ताओं की शिकायतों से संरक्षण के लिए उपभोक्ता अदालतों के तीन स्तर हैं। जिल
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